भूकंप ने काठमांडू के बाद जिन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा तबाही मचाई है, उनमें से गोरखा एक है। इस क्षेत्र में 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। इनकी लाशें यूं ही पड़ी हैं। एक हजार से ज्यादा लोग घायल पड़े हैं। दो हजार से ज्यादा लोग अभी भी यहां पर फंसे हुए हैं, लेकिन यहां अब तक राहत के लिए कोई नहीं पहुंच पाया है।
गोरखा के डीएसपी अर्जुन चंद्र का कहना है कि प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचने में अभी दो से तीन दिन लग सकते हैं। चट्टानें गिरने से रास्ते बंद हो गए हैं। दुर्गम क्षेत्र होने के कारण यहां पर हेलिकॉप्टर भी नहीं उतारा जा सकता है। इन क्षेत्रों के तकरीबन 90 प्रतिशत मकान ध्वस्त हो गए हैं। मकान धंसने के कारण ही ज्यादातर मौतें हुई हैं।
नामुमकिन हो रहा मदद पहुंचा पाना
रविवार को भारतीय वायु सेना का विमान इस क्षेत्र में गया था, लेकिन नहीं उतर पाया। सोमवार को इससे छोटा विमान भेज कर मदद पहुंचाने की कोशिश होगी। बिजली और मोबाइल फोन कनेक्शन भी नहीं होने के चलते भूकंप से बच गए लोगों की परेशानी कई गना बढ़ गई है।
रविवार को नेपाल सरकार की एक रेस्क्यू टीम सुबह आई थी, लेकिन प्रभावित लोगों तक नहीं पहुंच पाई। यहां तक जाने के रास्तों पर बड़े बड़े पत्थरों के गिरने के कारण यह क्षेत्र फिलहाल संपर्क से दूर हो गया है।
खरीददारी करने गए थे लोग
शनिवार को पहाड़ से नीचे खरीददारी करने आए लोग भी फंसे हुए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि शनिवार सुबह गांव के कई लोग गोरखा बाजार से सामान खरीदने के लिए नीचे उतरे थे। समान खरीद कर जब ये लोग ऊपर जा रहे थे तभी भूकंप आ गया .