सूबे में पुलिस महकमे के आधुनिकीकरण के तहत राजधानी में एक मास्टर कंट्रोल रूम बनेगा। इससे राज्य के विभिन्न शहरों में बने कंट्रोल रूम जोड़े जायेंगें। यह कंट्रोल रूम इंग्लैंड पुलिस की तर्ज पर बनेगा।
मास्टर कंट्रोल रूम से पुलिस के रिस्पांस टाइम को न्यूनतम बनाए रखा जाएगा। मास्टर कंट्रोल रूम बनाने का आइडिया गृह विभाग के सलाहकार वेंकट चंगावल्ली ने दो दिन पूर्व गृह व पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों की संयुक्त बैठक में दिया था।
इसमें तय किया गया था कि इंग्लैंड में पुलिस कंट्रोल रूम की जो व्यवस्था है, उसे अपने प्रदेश में लागू किया जाए। वहां पुलिस महकमे का एक मास्टर कंट्रोल रूम होता है, जिससे बाकी सभी कंट्रोल रूम जुड़े होते हैं।
इस तरह काम करेगा मास्टर कंट्रोल रूम
अगर किसी जिले के पुलिस कंट्रोल रूम में वहां का कोई व्यक्ति कॉल करता करता है, तो वह कॉल वहां के कंट्रोल रूम के बजाय मास्टर कंट्रोल रूम पर आएगी। फिर मास्टर कंट्रोल रूम से संबंधित जिले के पुलिस कंट्रोल रूम व अन्य अधिकारियों को संपर्क कर जरूरी कार्रवाई के लिए कहा जाएगा।इतना ही नहीं मास्टर कंट्रोल रूम के पास इंटरनेट व सेटेलाइट के जरिये अन्य सभी कंट्रोल रूम व उनके वाहनों की स्थिति की जानकारी भी रहेगी।
मास्टर कंट्रोल रूम सूचना देने के बाद संबंधित जिले के अधिकारियों से की जाने वाली सहायता के बारे में लगातार फीडबैक लेता रहेगा।
मास्टर कंट्रोल का होगा अपना अभिसूचना तंत्र
मास्टर कंट्रोल रूम में तैनात अधिकारियों का विभिन्न शहरों के पुलिस कंट्रोल रूम पर सीधा दखल होगा। इसके साथ ही उसके पास अपना अभिसूचना तंत्र भी होगा।
इसके लिए सभी पुलिस कंट्रोल रूम के चुनिंदा पुलिसकर्मियों को अलग से प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। बाद में उन्हें अत्याधुनिक उपकरणों से लैस किया जाएगा।
