भारत ने यूपी के ग्रेटर नोएडा में अफ्रीकी नागरिकों पर हुए हमलों को नस्लीय मानने से फिलहाल इनकार कर दिया है और कहा है कि जांच लंबित रहने के चलते इसके ‘स्वरूप और कारण’ पर कोई निष्कर्ष निकालना सही नहीं है ! केन्या की एक महिला पर बुधवार को हुए कथित हमले पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा कि केन्याई राजनयिकों ने मंत्रालय के संबद्ध अधिकारियाें के साथ एक बैठक की है और भारतीय अधिकारियों को इस बात से अवगत कराया गया कि यह कथित घटना सच्ची नहीं लग रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे हमले पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं और इनकी निंदा की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार संबद्ध अधिकारियों और छात्रों से बात कर रही है।
इस हमले के नस्लीय होने के बारे में पूछे जाने पर बागले ने कहा, ‘जांच लंबित रहने तक हमले के स्वरूप और कारण के बारे में कुछ भी कहना सही नहीं है। जांच के नतीजे के बाद एक बेहतर समझ बनेगी।’ गौरतलब है कि ग्रेटर नोएडा के बाशिंदों के एक समूह ने चार नाइजीरियाई छात्रों पर हमला किया था। इन बाशिंदों ने एनएसजी ब्लैक कैट एनक्लेव में पिछले हफ्ते 17 साल के लड़के मनीष की मौत के बाद एक कैंडल जुलूस निकाला था। उसकी मौत मादक पदार्थ ज्यादा मात्रा में लेने से होने का संदेह था।