लखनऊ । उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के निराला सभागार में मनोरमा श्रीवास्तव की किताब ‘‘आईने में उतरा एक आकाश’ (डा. शंभूनाथ-एक प्रेरक जीवनी) का लोकार्पण रविवार को उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के निराला सभागार में हुआ। कृति का लोकार्पण उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष उदय प्रताप सिंह, लखनऊ विविद्यालय के कुलपति प्रो. एसपी सिंह, डा. जय सिंह नीरद ने किया। डा. शंभूनाथ भी कार्यक्रम में मौजूद रहे जिनकी उपस्थिति से लोगों ने प्रेरणा ली। मनोरमा श्रीवास्तव ने अपनी सृजन यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि इस दौरान उन्हें डा. शंभुनाथ के बहुआयामी व्यक्तित्व के अनेक अद्भुत रंगों का परिचय मिला और साहित्य के प्रति उनकी रुचि में अत्यधिक वृद्धि हुई। मुख्य वक्ता प्रो. जय सिंह नीरद ने शंभुनाथ के साहित्य सृजन पर विस्तार से प्रकाश डाला और उन्हें सर्वश्रेष्ठ कोटि का समालोचक बताते हुए साहित्य की अमूल्य निधि बताया। मुख्य अतिथि प्रो. एसपी सिंह ने शंभुनाथ के प्रमुख सचिव राज्यपाल के रूप में उनके प्रशासनिक कुशलता एवं मानवीय गुणों पर प्रकाश डाला। अध्यक्षीय संबोधन में उदय प्रताप सिंह ने डा. शंभुनाथ के हिन्दी संस्थान के कार्यकाल पर प्रकाश डाला और कहा कि उनके समय में संस्थान के जरिये हिन्दी ने विकास के माध्यम से बेहतर गति को प्राप्त की। उन्होंने उनके योगदान की सराहना की। हिन्दी संस्थान के पूर्व निदेशक डा. सुधाकर अदीब ने शंभुनाथ के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। अमितांशु एवं सुधीर मिश्र ने डा. शंभुनाथ की कविताओं का गायन किया। देवकी नंदन शांत ने वाणी वंदना प्रस्तुत की। मनोरमा एवं डीएन लाल ने कृति सृजन यात्रा के अनुभव साझा किए। इस मौके पर चंदानाथ, डा. ओम प्रकाश, मनीष शुक्ल, डा. सुधा श्रीवास्तव, जीएम श्रीवास्तव, अरविंद चतुव्रेदी, रमेश श्रीवास्ताव, प्रभुनाथ राय, हरीश चंद्र, मंजुला श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहीं। अंत में डा. दयानंद लाल ने आभार जताया
