यह जानकारी किसी और ने नहीं बल्कि राज्यसभा में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री मोहनभाई कुंदरिया ने एक सवाल का जवाब देते हुए दी।
एक और सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि नैशनल क्राइम रेकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक साल 2012 में किसानी के जरिए जीवीका चला रहे 13,754 और वर्ष 2013 में 11,772 लोगों ने आत्महत्या की।
कुंदरिया ने बताया, ‘महाराष्ट्र सरकार के मुताबिक 1 जनवरी, 2015 से 27 फरवरी, 2015 के बीच औरंगाबाद क्षेत्र के 135 किसानों ने आत्महत्या की। इसकी वजह प्राकृतिक आपदा और उनकी तंग आर्थिक हालत रही।’
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने यह भी बताया है कि गांव स्तर पर किसानों ने लिए चलाई जा रही सरकार की लाभकारी योजनाओं के बारे में अधिकारियों के जरिए अवेयरनेस प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं।