तमिलनाडु की मुख्यमंत्री और अन्नाद्रमुक की महासचिव जे.जयललिता का मंगलवार शाम यहां मरीना बीच पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। जयललिता के मार्गदर्शक रहे एमजी रामचंद्रन की समाधि के पास उन्हें दफनाया गया।
अंतिम संस्कार का विधान उनकी करीबी सहयोगी रही शशिकला नटराजन ने पूरा किया। मरीना बीच पर इस दौरान जन सैलाब उमड़ पड़ा। लाखों की संख्या में शोकाकुल लोगों ने जाति, संप्रदाय और धर्म से ऊपर उठकर उन्हें अश्रुपूर्ण अंतिम विदाई दी। उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई।
इस मौके पर तमिलनाडु के राज्यपाल सी विद्यासागर राव, नवनियुक्त मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम, केन्द्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद,तमिलनाडु कांग्रेस समिति के अध्यक्ष एस थिरूवुक्कारासर, एमडीएमके महासचिव वाइको ,कई राज्यों के मुख्यमंत्री, बड़ी संख्या में अन्नाद्रमुक के सांसद, विधायक तथा अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
इससे पहले जयललिता के पार्थिव शरीर को तिरंगे से लिपटे ताबूत में राजाजी हॉल से मरीना बीच लाया गया। इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये थे। सड़क के दोनों ओर हजारों की संख्या में लोग ‘अम्मा’ को अंतिम विदाई देने के लिए खड़े थे।