जम्मू/नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में भाजपा विधायकों ने कट्टरपंथी अलगाववादी नेता मुसरत आलम की रिहाई को लेकर मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद से कड़ा ऐतराज जताया और आलम को फिर गिरफ्तार करने की मांग की। भाजपा ने इस तरह के गलत प्रचार पर भी आपत्ति जताई कि आलम को रिहा करने का फैसला पार्टी से विचार-विमर्श करने के बाद लिया गया। उधर सूत्रों के अनुसार मुसरत को रिहा करने पर उठा तूफान अभी शांत भी नहीं हुआ है और मुफ्ती सरकार आने वाले दिनों में फक्तू सहित 15 और राजनीतिक कैदियों को रिहा कर सकती है। इनमें से एक कैदी उम्रकैद की सजा काट रहा है। सूत्रों के अनुसार मुफ्ती अब 22 साल से श्रीनगर जेल में बंद आशिक हुसैन फक्तू को रिहा करवाने की कोशिश में है। फक्तू इस्लामी संगठन जमीयत-उल-मजाहिद्दीन का पूर्व कमांडर है। वहीं प्रदेश भाजपा महासचिव राजीव जसरोटिया और सत शर्मा के नेतृत्व में विधायकों ने सईद से उनके आवास पर मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा। भाजपा विधायकों ने दावा किया कि मुफ्ती ने पार्टी विधायकों को आश्वासन दिया है कि अब किसी भी अलगाववादी और राजनीतिक बंदी की रिहाई के लिए 8 सदस्यों की एक कमेटी बनेगी जिसमें पी.डी.पी. और भाजपा के 4-4 सदस्य होंगे और कमेटी ही आगे रिहाई के फैसले करेंगी।
