लखनऊ !
जाली दस्तावेज के जरिये बेशकीमती सरकारी जमीन बेचने के मामले में हिमालयन इंजीनियरिंग कॉलेज के चेयरमैन दिलीप सिंह बाफिला और उसके भतीजे अजीत सिंह को मंगलवार रात गिरफ्तार कर लिया गया।दोनों को बुधवार को जेल भेज दिया गया। बाफिला हिमालयन सहकारी समिति का भी चेयरमैन है। इसी समिति की आड़ में उसने गोमतीनगर के खरगापुर इलाके में करोड़ों रुपये की सरकारी जमीन की प्लॉटिंग कर बेच डाली।यही नहीं, जमीन खरीदने वालों से भी उसने हेराफेरी की थी। इसको लेकर उसके खिलाफ जनवरी में मुकदमा दर्ज कराया गया था। जांच में मामला सही पाए जाने पर उसे दबोच लिया गया।एसओ सैय्यद मोहम्मद अब्बास का कहना है कि बाफिला ने सरकारी जमीन के जाली दस्तावेज बनाकर जमीन बेचने के साथ ही कई लोगों की जमीनों की रजिस्ट्री भी कराई है।
उसके खिलाफ जनवरी में इंदिरानगर सेक्टर 14 निवासी प्रवीण कुमार बिसारिया की पत्नी विमला और उपमा शुक्ला ने धोखाधड़ी, गाली-गलौज व धमकी देने की एफआईआर दर्ज कराई थी।जांच में बाफिला और उसके भतीजे विकासनगर की शिवविहार कॉलोनी में रहने वाले अजीत सिंह को दोषी पाया गया।अरबों रुपये की जमीन है बाफिला के पास
बाफिला के पास अरबों रुपये की जमीन है। पूछताछ के दौरान उसने बताया कि गोमतीनगर विस्तार में ज्यादातर जमीन उसकी थी जिसका हाईकोर्ट में एलडीए से मुकदमा भी चल रहा है। हाल ही में एलडीए ने उसको 50 प्लॉट दिए हैं।इसके अलावा खरगापुर, मल्हौर, भरवारा में बाफिला की काफी जमीन है जिनकी कीमत दो से तीन अरब बताई जा रही है। यहां बाफिला ने अपनी जमीन बेचने के साथ ही आसपास के प्लॉटों और सरकारी जमीन की भी प्लॉटिंग करके बेच डाला है।
बाफिला के पास अरबों रुपये की जमीन है। पूछताछ के दौरान उसने बताया कि गोमतीनगर विस्तार में ज्यादातर जमीन उसकी थी जिसका हाईकोर्ट में एलडीए से मुकदमा भी चल रहा है। हाल ही में एलडीए ने उसको 50 प्लॉट दिए हैं।इसके अलावा खरगापुर, मल्हौर, भरवारा में बाफिला की काफी जमीन है जिनकी कीमत दो से तीन अरब बताई जा रही है। यहां बाफिला ने अपनी जमीन बेचने के साथ ही आसपास के प्लॉटों और सरकारी जमीन की भी प्लॉटिंग करके बेच डाला है।