नई दिल्ली. सारी अटकलों को विराम देते हुए कांग्रेस नेता रीता बहुगुणा जोशी बीजेपी में शामिल हो गई । राजधानी में अमित शाह की मौजूदगी में उन्होंने बीजेपी ज्वाइन की। कहा- ”राहुल का नेतृत्व कांग्रेस में किसी को मंजूर नहीं। आतंकवाद के खिलाफ मोदीजी ने सराहनीय कदम उठाया है। लेकिन इस पर खून की दलाली और अगर-मगर की खबरें आईं तो मुझे बहुत दुख हुआ।” उनके पार्टी छोड़ने पर कांग्रेस नेता राज बब्बर ने कहा- ये उनके परिवार का इतिहास रहा है हो सकता है अगले चुनाव में किसी और पार्टी के साथ जुड़ जाएं।
बीजेपी में शामिल होने के बाद रीता बहुगुणा ने कहा, ‘यूपी में जातिवाद की राजनीति चल रही है। दो दलों से यूपी को मुक्त कराना है।”कांग्रेस को इलेक्शन स्ट्रैटजिस्ट प्रशांत किशोर का सहारा लेना पड़ रहा है। प्रोग्राम के एक दिन पहले नेताओं को पता चलता है।’मैंने 40 साल तक संघर्ष किया। जनता के बीच कांग्रेस की साख खत्म हो गई है। हमारी पार्टी के बड़े नेता राहुल की लीडरशिप को स्वीकार नहीं करते हैं।’ ‘अमित शाह से मेरी मुलाकात चंद दिन पहले हुई। मैंने सोच समझकर फैसला लिया है। यूपी को बदहाली से निकालने के लिए बीजेपी में आई हूं।’
रीता जोशी ने सर्जिकल स्ट्राइक पर राहुल गांधी के ‘खून की दलाली’ वाले बयान का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘सर्जिकल स्ट्राइक पर खून की दलाली जैसे शब्द का उपयोग किया गया। उससे मैं काफी दुखी हो गई।’ राहुल गांधी ने सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर मोदी के खिलाफ बयान दिया था। यूपी में 26 दिन चली किसान यात्रा खत्म होने के बाद दिल्ली में राहुल ने कहा था, “जो हमारे जवान हैं। जिन्होंने अपना खून दिया है जम्मू-कश्मीर में। जिन्होंने हिंदुस्तान के लिए सर्जिकल स्ट्राइक किया है। उनके खून के पीछे आप छुपे हुए हो। उनकी आप दलाली कर रहे हो। ये बिल्कुल गलत है। यूपी कांग्रेस चीफ राज बब्बर ने कहा, ”बीजेपी के प्लेटफॉर्म से इन्होंने कहा है कि वे इतिहास की प्रोफेसर रहीं है। ये उनके परिवार का इतिहास रहा है। हो सकता है अगले चुनाव में किसी और पार्टी के साथ जुड़ जाएं।”हमसे कहा गया कि ये बीमार हैं। हमारी लीडरशिप संवेदनशील है। इनके भाई के उत्तराखंड से जाने पर कोई फर्क नहीं पड़ा और इनके जाने से भी नहीं पड़ेगा।”
खून की दलाली वाले बयान पर रीता के दुखी होने के सवाल पर कहा, ”मैं रीताजी पर कोई बात नहीं कहूंगा। अब वे मेरी पार्टी की मेंबर नहीं हैं। हमें शहीद और शहीद की पत्नी का अपमान नहीं करना चाहिए।” राज बब्बर ने कहा, ”हम सेना का सम्मान करते हैं। खून की दलाली की बात शहीद बबलू सिंह की पत्नी ने कही थी। मुझे गर्व है कि हमारे नेता ने इसे उठाया।” लखनऊ कैंटोमेंट से विधायक 67 साल की बहुगुणा ने कहा कि उन्होंने एमएलए पद से इस्तीफा दे दिया है। एक-दो दिन में वे लखनऊ जाकर वे गवर्नर को भी अपना इस्तीफा सौंप देंगी। बताया जा रहा है कि वह शीला दीक्षित को यूपी में कांग्रेस का सीएम कैंडिडेट बनाने से नाखुश हैं। उन्होने राहुल गांधी के नेतृत्व से भी नाखुशी जताई है।
बताते चलें की रीता बहुगुणा जोशी यूपी में कांग्रेस का बड़ा चेहरा मानी जाती हैं। वे 2007-12 तक यूपी पार्टी प्रेसिडेंट भी रह चुकी हैं। यूपी के पूर्व सीएम हेमवती नंदन बहुगुणा की बेटी हैं। भाई विजय बहुगुणा उत्तराखंड के सीएम रह चुके हैं और कुछ महीने पहले बीजेपी में शामिल हुए हैं। रीता जोशी को 1995 में समाजवादी पार्टी ने मेयर कैंडिडेट बनाया था। वे 2000 तक इलाहाबाद की मेयर भी रही हैं।
सपा में भी रह चुकी हैं सपा की सीट से मेयर रहने के बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी और कांग्रेस में शामिल हो गईं। महिला कांग्रेस की प्रेसिडेंट रहीं रीता ने 2014 में लखनऊ से लोकसभा इलेक्शन लड़ा था, लेकिन उनकी हार हुई। फिलहाल वे लखनऊ कैंट सीट से कांग्रेस की विधायक थीं। बीजेपी ज्वाइन करने के बाद विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। यूपी में शीला दीक्षित के सीएम कैंडिडेट बनाए जाने के बाद से उनके बीजेपी में जाने की चर्चा थी। रीता जोशी इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में हिस्ट्री भी पढ़ा चुकी हैं। 2009 में रीता को बीएसपी चीफ मायावती के खिलाफ विवादित कमेंट करने पर जेल जाना पड़ा था।