कोलंबो। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यात्रा से पहले श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने यह कहकर विवादों को हवा दे दी कि श्रीलंकाई जलक्षेत्र में घुसने पर भारतीय मछुआरों को गोली मारी जा सकती है।
श्रीलंकाई नौसेना की गोलीबारी में पिछले कई वर्षों में करीब 600 भारतीयों के मारे जाने संबंधी आरोपों के बारे में पूछे जाने पर श्रीलंकाई प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल में ऐसी घटना नहीं हुई है। ऐसी आखिरी घटना 2011 में हुई थी।
विक्रमसिंघे ने कहा कि इनमें से पहले की कई घटनाएं श्रीलंका के गृहयुद्ध के समय हुई थी, उनका मानना था कि उनमें से कुछ लोग वास्तव में हथियारों की आपूर्ति में शामिल थे।
विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि मछुआरों के मुद्दे पर श्रीलंका के प्रधानमंत्री के बयान पर भी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अपने श्रीलंकाई समकक्ष मंगला समरवीरा के साथ मुलाकात के दौरान चर्चा करेंगी।
उन्होंने बताया कि विदेश मंत्री श्रीलंका में अपने समकक्ष और प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे के साथ बातचीत के दौरान मछुआरों का मुद्दा उठाएंगी। पिछले माह भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी और अपहरण के कई मामले हुए हैं।
श्रीलंका के मछुआरे शिकायत करते हैं कि नई सरकार बनने के बाद से भारतीय मछुआरों द्वारा अवैध तरीके से मछली पकड़ने के लिए देश के जलक्षेत्र में प्रवेश करने की घटनाएं बढ़ी हैं।
अपने देश के जलक्षेत्र में अवैध तरीके से मछली पकड़ने के आरोप में श्रीलंका की नौसेना कम से कम 86 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार कर उनकी 10 नौकाएं जब्त कर चुकी है। (भाषा)