नई दिल्ली।दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार और उपराज्यपाल के बीच जंग की नई जमीन तैयार होती दिख रही है। खबर है कि उपराज्यपाल(एलजी) नजीब जंग ने केजरीवाल सरकार के पिछले डेढ़ साल के फैसलों की फाइल मंगाई है।
मंत्रियों को सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस मामले में निर्देश भी दिए हैं। मंत्रियों से कहा गया है कि ट्रांसफर और पोस्टिंग से जुड़ी हुई फाइलें उपराज्यपाल को के पास दिखाने के लिए न भेजी जाएं।
फरवरी 2015 में आप की सरकार बनने के बाद से एलजी और राज्य सरकार के बीच अधिकारों की लंबी जंग चली है। हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट ने नौ याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए कहा था कि एलजी ही दिल्ली के प्रशासक हैं। इस बीच दिल्ली विधानसभा का मानसून सत्र 22 अगस्त से बुलाया गया है।
केजरीवाल को हाई कोर्ट से झटका
चार अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले से केजरीवाल सरकार को बड़ा झटका लगा था। हाईकोर्ट ने कहा, ‘दिल्ली पर अनुच्छेद 239 लागू होता है। इसके मुताबिक दिल्ली अब भी केंद्रशासित प्रदेश है।हाईकोर्ट के मुताबिक, एलजी ही दिल्ली के प्रशासक हैं और दिल्ली सरकार उनकी मजीज़् के बिना कानून नहीं बना सकती। अनुच्छेद 239 दिल्ली को केंद्र शासित प्रदेश का स्पेशल स्टेटस देता है।
हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा, “एलजी दिल्ली सरकार की सलाह मानने को बाध्य नहीं हैं. केंद्र के नोटिफिकेशन सही हैं. दिल्ली सरकार के कमेटी बनाने संबंधी फैसले अवैध हैं। साथ ही अदालत ने कहा कि एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी), केंद्रीय कर्मंचारियों पर कार्रवाई नहीं कर सकता दिल्ली सरकार के दोनों मामलों में कमेटी बनाने के फैसले अवैध हैं।
कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी साफ किया कि दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश बना रहेगा। एलजी अपना स्वतंत्र रुख ले सकते हैं। दिल्ली सरकार को कोई भी नोटिफिकेशन जारी करने से पहले एलजी की मंजूरी लेनी होगी। हाईकोर्ट ने कहा कि उपराज्यपाल अपने फैसले ले सकते हैं।