रामगढ़! जीवन में शिक्षा का महत्व क्या है यह कोई आकर पायल से पूछे या पायल जैसी होनहार बेटियों से समझे जिसने मंगलवार रात्रि शादी के बाद बुधवार सुबह ससुराल जाने की जगह पहले परीक्षा देने के लिए महाविद्यालय का रुख किया। पायल के इस फैसले ने अन्य बेटियों के साथ ही समाज के लिए भी एक गहरा संदेश दिया है।
मामला राजस्थान के रामगढ का है यहाँ ग्राम खेडली सैयद निवासी राजेन्द्र शर्मा की पुत्री पायल बीए फाइनल की छात्रा है वो चाहती थी की परीक्षा समाप्त होने के बाद ही उसकी शादी की तारीख रखी जाए किन्तु रस्मोरिवाज के चलते शादी का शुभमुहूर्त परीक्षा के दिनों ही पड़ रहा था परिवार व माता पिता के दबाव के चलते उसे मजबूर होना पड़ा लेकिन मन ही मन उसने ठान लिया की उसे परीक्षा पूर्ण करनी है इसी बीच उसकी अलवर निवासी यशोधन से मंगलवार की रात्रि को शादी हुई बुधवार प्रात: सात बजे पायल दुल्हन बनकर ससुराल जाने की बजाय अपने भाई के साथ परीक्षा देने परीक्षा केन्द्र गुरु गोबिन्दसिंह कन्या महाविद्यालय पहुंची। यहां परीक्षा देने के बाद ही उसने ससुराल का रुख किया तब तक सारे बाराती व ससुरालीजनो को इंतज़ार ही रहा दुल्हन के परीक्षा देकर वापस आने का पायल की इस हिम्मत की क्षेत्रीय लोग चर्चा करते दिखे ।
