लखनऊ. यूपी भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य कीताजपोशीके बाद प्रदेशसंगठन को फिर से गठन की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है। पार्टी नेताओं में ये भी चर्चा है कि नई टीम में युवाओं को तरजीह मिलेगी। इसकी संभावना को भांप कई नेताओं ने तो दिल्ली में डेरा डाल दिया है तो कुछ यहीं से अपने समायोजन को लामबन्दी में लग गए हैं। दूसरी ओर एक वर्ग में यह अटकलें भी तेज हैं कि कुछ वरिष्ठ नेताओं को मुख्यधारा की बजाय चुनावी जिम्मा सौंपा जा सकता है। टीम केशव में जगह पाने के लिए कुछ सजातीय-सवर्गीय नेता भी हरकत में आ गए हैं।
यूपी के नेताओं के बदले सुर
नव नियुक्त प्रदेश अध्यक्ष केशव मौर्य सोमवार को जब प्रदेश कार्यालय आएंगे, तो कई नेताओं के सुर बदले होंगे। इसकी बानगी भी भाजपा प्रदेश कार्यालय में देखने को मिली। यूपी भाजपा के एक प्रदेश पदाधिकारी ने कहा कि नए अध्यक्ष 47 वर्ष की उम्र के हैं, ऐसे में उनकी टीम में भी युवा व कर्मठ लोगों को स्थान जरूर मिलेगा। वह तो यह भी कहने में गुरेज नहीं कर रहे हैं, कि मौर्य पर लगे आपराधिक मुकदमों को उजागर करने से पहले उनकी प्रष्ठभूमि को भी देखना चाहिए। था। भाजपा सूत्रों का कहना है कि कुछ मौजूदा पदाधिकारियों का इस टीम में होना तय है, लेकिन कई बार से एक ही पद पर प्रदेश कार्यकारिणी का हिस्सा बने लोगों के लिए इस बार की डगर मुश्किल जरूर होगी। वैसे भी इस बार पार्टी को युवा अध्यक्ष मिला है और युवा संगठन मंत्री के साथ तालमेल बना तो पार्टी के लिए मिशन 2017 की राह आसान हो जाएगा।
गुटबाजी पर रोक लगी तो बदल जाएगी भाजपा की चाल
यूपी भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर चुनावी प्रबंधन के माहिर माने जाते हैं। ऐसे में नए नेतृत्व के साथ पार्टी के लिए अपेक्षित परिणाम के लिए उनके आगे भी एक चुनौती होगी। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि गुटबाजी रोकने में कामयाबी मिली तो संगठन की चाल बदल जाएगी। मौर्य तो पहले ही सभी को साथ लेकर चलने की हामी भर चुके हैं और उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की कर्मभूमि लखनऊ में प्रदेश अध्यक्ष के रूप में आने से पहले दिल्ली में ‘अटल आशीर्वाद’ भी ले चुके हैं।
