घर-घर में रंगाई-पुताई का कार्य जारी,15 दिवसीय मेले की तैयारियां शुरू
मुरादाबाद। यह हमारी भारतीय संस्कृति की विशेषता है कि विभिन्न धर्म, जाति, समुदाय के लोग इस देश में रहते हैं। इसके बावजूद जहां सभी भाईचारे के साथ रहते हैं, वहीं एक-दूसरे के पर्व को बडे प्यार से मनाते हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है, मुरादाबाद के मूंढापांडे का गांव बीरपुरबरियार, जहां सैकड़ों वर्षों से आज भी सांप्रदायिक एकता की मिसाल कायम है।
मेहमान नवाजी के लिए मशहूर इस गांव के मुसलमान भाई सदियों से खेलते आ रहे हैं। यहां का होली खेलने का अंदाज भी निराला है। मुस्लिम बहुल इस गांव में होली पर एक बड़े मेले का आयोजन किया जाता है। जहां मुसलमान भी होली के रंग में रंग कर चौपाई खेलते हैं। यहां होली के दौरान हिंदू और मुस्लमानों के हर घर में रंगाई-पुताई जरूर होती है।रामपुर नेशनल हाईवे से करीब 18 किलोमीटर दूर रामगंगा के खादर में बसे बीरपुरबरियार में पांच हजार मुसलमान व दो हजार हिंदू रहते हैं। मुसलमानों द्वारा होली खेलना यहां की सदियों पुरानी परंपरा है। होली के नजदीक आते ही चारों ओर चौपाई व मेले की रंगत नजर आने लगती है। यहां भूरा लाला के बेटे हम्जा और रशीद, शौकत लाला के बेटे नवाब व चिराग, बुंदू लाला व उनके पुत्र प्यारे व छोटे की चौपाई आज भी मशहूर है।
होली के दौरान दूर-दूर के लोग इन्हें सुनने के लिए आते हैं। यहां के पूर्व प्रधान हाजी रशीद अहमद उर्फ भैया बताते हैं कि देश में चाहे जो हो जाए, लेकिन गांव में हमेशा सौहार्द कायम रहता है। वे आज भी अपने पुरखों की सदियों पुरानी परम्परा का निर्वाह करते आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि जहां गांव में होली पर लगने वाले 15 दिवसीय मेले की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं, वहीं घर-घर में रंगाई-पुताई का कार्य जारी है। बता दें कि यह गांव होली के दौरान मेहमान नवाजी के लिए भी मशहूर है। यहां के ग्रामीण अपने मेहमानों की खातिरदारी खोया, दूध व खोये से बनी मिठाई से करते हैं। यह सिलसिला मेला खत्म होने तक जारी रहता है।
