लखनऊ ! बीती शाम लखनऊ महोत्सव में मुशायरे में हो रही देर से कुछ शौकीन खफा हो गए और हुडदंग करने लगे स्थिति संभालने के लिए पुलिस को लाठी उठानी पड़ी। मुशायरे में हो रही देरी के कारण युवाओं की भीड़ अनियंत्रित हो गई और भाषण के दौरान हंगामा शुरू कर दिया आजम खान तथा नवाब देवबंदी को बार-बार भीड़ को समझाना पड़ रहा था, लेकिन जैसे ही मुशायरा आरम्भ हुआ हंगामा और बढ़ गया। इस दौरान काफी लोगों ने वीआईपी दीर्घा के पीछे बनी बैरिकेडिंग को तोड़ने की कोशिश भी शुरू कर दी, वहीं आजम खां ने उर्दू जुबां में इस तरह की बात वहां कहा कि काम बन गया आजम खां की नसीहत बड़ी काम आई फिर मुशायरा आरम्भ हो जाने पर देर रात तक चलता रहा।
मुशायरे के शुरू होने से पहले दर्शक दीर्घा से युवाओं के हूटिंग करने पर अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ मंत्री मो. आजम खां खासे नाराज हो गए। उन्होंने युवाओं को कड़े शब्दों में नसीहत दी कि ‘…आपके सिरों पर जो टोपी रखी है वह आपकी पहचान है… लेकिन उस पर आपके व्यवहार से कोई दाग न लग जाए।आपका जो व्यवहार है वह लखनऊ की तहजीब को भी दर्शाएगा।’ आजम यही नहीं रुके उन्होंने कहा कि ‘…ऐसा न हो कि आज का मुशायरा काले अक्षरों से लिखा जाए…। आज लखनऊ की आबरू आपके हवाले है…।दरअसल आजम का गुस्सा इसलिए बढ़ गया क्योंकि उनसे पहले लोक निर्माण मंत्री शिवपाल यादव जब डायस पर भाषण देने आए तो पीछे से युवाओं ने हूटिंग कर दी। दर्शक दीर्घा के युवा मुशायरा जल्दी शुरू करने की मांग कर रहे थे। शिवपाल ने मौके की नजाकत को समझते हुए दो मिनट में ही अपना भाषण खत्म कर दिया था।
आजम ने कहा कि यहां पर शायर केवल अपने देश से ही नहीं बल्कि दुनिया भर से आए हैं। आपके व्यवहार से लखनऊ की क्या छाप लेकर जाएंगे।उन्होंने कहा कि अपने आपको व हालात को समझिए। आपकी जरा सी नादानी कही बदनुमा दाग न छोड़ जाए। आजम के समझाने पर भीड़ कुछ शांत हुई।
