ग्राम प्रधान चुनाव में कुछ लोग अपनी प्रतिष्ठा बचाने में कामयाब रहे, तो वहीं कुछ अपनी प्रतिष्ठा बचा पाने में असफल रहे जीत की खुशी में कहीं जश्र का माहौल दिखा, तो कहीं मायूसी पसरी रही। चुनाव में विजय के बाद प्रत्याशियों के घर देर सायं तक समर्थकों का भारी जमावड़ा रहा एवं आतिशबाजी छुटाई जाती रही मिठाई वितरण भी किया जाता रहा.
राजधानी स्थित चिनहट ब्लाक की ग्रामसभा चंदियामऊ में इस बार फिर कायम रजा ने प्रधानी अपने पक्ष में कर चौथी बार जीत का परचम लहराया गोमती को यहाँ विजय हासिल हुई। जहांगीरगंज विकास खण्ड के जहांगीरगंज ग्राम पंचायत प्रधान का चुनाव लड़ रहीं सपा के पूर्व प्रदेश सचिव योगेंद्रनाथ त्रिपाठी की पुत्रवधू नीतू को हार का मुंह देखना पड़ा है।भियांव विकास खण्ड के महुवल से समाजवादी पार्टी के जलालपुर विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष महेंद्र यादव ने ग्राम प्रधान पद पर जीत हासिल करनेमें सफलता पाई है। सपा विधायक अजीमुलहक पहलवान ने बसखारी विकास खण्ड क्षेत्र के अपने गांव भूलेपुर से पत्नी मोनिशा खातून को प्रधान पद का उम्मीदवार बनाया था घोषित हुए नतीजे में उनकी पत्नी ने एकतरफा मुकाबले में जीत दर्ज की।
बसपा नेता व पूर्व एमएलसी अतहर खां की किस्मत हालांकि ठीक नहीं रही। उन्होंने अपनी पुत्रवधू उजमा खान को बसखारी ब्लाक के ही जैनुद्दीनपुर गांव से प्रधान का चुनाव लड़वाया था। इसमें उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा।
हालांकि अतहर खां ने इसमें मनमानी का आरोप लगाया है। उनके मुताबिक पहले हुई मतगणना में उजमा 23 मतों से जीती थीं, लेकिन बाद में कराई गई पुनर्मतगणना में उन्हें 2 मत से पराजित घोषित किया गया।
सपा के वरिष्ठ नेता व दुग्ध विकास मंत्री राममूर्ति वर्मा के करीबी विधानचन्द्र चौधरी को ग्राम प्रधान चुने जाने की कामयाबी मिली है।
