बुलंदशहर ! एक 10 साल के लड़के को सांप ने काट लिया, जिसके बाद उसकी सांस थम गई। परिजनों ने उसे गंगा में प्रवाहित कर दिया, लेकिन 22 साल बाद वह वापस लौट आया। कहानी पूरी फिल्मी है, लेकिन सौ प्रतिशत सच्ची है। बेटे को जिंदा पाकर मां की आंखों से आंसू बहने लगे, लेकिन उसने परिवार के साथ रहने से इनकार कर दिया।
मामला बुलंदशहर के खानपुर का है। 2 अगस्त 1993 को रक्षाबंधन के दिन खानपुर के मनियाटीकरी गांव में रहने वाले विजय सिंह के 10 साल बेटे श्रीराम को सांप ने काट लिया था। परिवार ने उसे बचाने की हर संभव कोशिश की, लेकिन फिर उसे मरा हुआ जान कर गंगा में प्रवाहित कर दिया। इस घटना को सालों बीत गए। फिर मनियाटीकरी की रहने वाली मुन्नीदेवी की शादी बिलसूरी गांव में हुई।
सपेरों ने बचाई थी जान विजय सिंह ने सपेरों से कहा कि वह लोग उसके बेटे को वापस लौट जाने दें, पर उन्होंने इनकार कर दिया। इसके बाद उसने एक बार गांव चलने के लिए कहा, जिस पर सपेरे सहमत हो गए। चार सपेरे उसे लेकर मनियाटीकरी पहुंचे, तो पूरा गांव श्रीराम मिलने के लिए उमड़ आया। मां कस्तूरी देवी ने बेटे को कसमें देते हुए वहीं रहने को कहा, लेकिन उसने मना कर दिया।
उसने कहा कि वह अब सपेरों के साथ ही रहना चाहता है। एक सपेरे ने बताया कि 22 साल पहले जब वह गंगा में बहता मिला, तो उसका इलाज किया गया और फिर नया नाम और पहचान दे दी गई। नाथ संप्रदाय के सपेरे राजपाल नाथ ने कहा कि हमने लड़के का नाम सिंहनाथ रखा और बच्चे की तरह पाला, फिर संप्रदाय में ही शादी भी की। श्रीराम अब दो बेटों, दो बेटियों और पत्नी के साथ मेरठ के किठौर में रहता है