प्रतापगढ़ (उत्तर प्रदेश). प्रतापगढ़ के रेहुआ लाल गंज इलाके में एक मजदूर के दो बेटों ने आईआईटी प्रवेश परीक्षा में टॉप 500 में स्थान बनाया है। दोनों की रैंकिंग 167 और 410 है। गरीबी और तंगहाली में गुजर-बसर कर रहे परिवार के पास इनके एडमिशन के लिए पैसे नहीं हैं। ऐसे में, इन जरूरतमंद छात्रों की मदद के लिए यूपी के सीएम अखिलेश यादव से लेकर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी तक आगे आए हैं।
परीक्षा पास करने से ज्यादा कठिन है फीस का इंतजाम
सूरत के एक मिल में मजदूरी करने वाले धर्मराज के बेटों के लिए आईआईटी प्रवेश परीक्षा मुश्किल नहीं थी, एडमिशन के लिए फीस का इंतजाम कठिन था। प्रतापगढ़ से करीब 70 किलोमीटर दूर रेहुआ लाल गंज में धर्मराज का परिवार एक कच्चे मकान में रहता है। उसके दो बेटे हैं राजू (18) और ब्रिजेश (19)। दोनों बचपन से नवोदय विद्यालय में पढ़ते थे। दसवीं में 95 फीसदी मार्क्स लाने की वजह से उन्हें आईआईटी की प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए स्कॉलरशिप मिली थी।
12 हजार रुपए में चलता है 7 लोगों का खर्चा
हर महीने 12 हजार रुपए कमाकर सात लोगों के परिवार का खर्चा वहन करने वाले पिता के पास बच्चों के एडमिशन और फीस के लिए पैसे नहीं हैं। घर में कुछ बकरियों और साइकिल के अलावा कोई संपत्ति भी नहीं है। धर्मराज कहते हैं, “आखिर मैं इतने पैसों का इंतजाम कैसे कर सकता था। मेरे पास तो एक इंच जमीन भी नहीं।”
लोग नहीं जानते आईआईटी के मायने
पिता और गांववाले तो ठीक से यह भी नहीं जानते कि इन बच्चों की सफलता के मायने क्या हैं। यहां के लोग आईटीआई को अधिक प्रतिष्ठित मानते हैं। कई लोग राजू और ब्रिजेश को सलाह देते हैं कि आईआईटी छोड़ो और आईटीआई के लिए प्रयास करो।
मदद के लिए ये आए आगे
मीडिया में खबर आने के बाद कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव ने इस मुद्दे को सीएम अखिलेश यादव के सामने उठाया। सीएम ने छात्रों की मदद की बात कही। इस बीच कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी मदद के लिए आगे आए। उन्होंने फोन पर दोनों छात्रों से बात की और कांग्रेस पार्टी की तरफ से मदद की बात कही। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी और उनकी बेटी विधायक आराधना मिश्रा ने भी एक महीने की सैलरी देने की बात कही है। सुलभ इंटरनेशनल और कुछ अन्य लोगों ने भी मदद की पेशकश की है।