लखनऊ के पीजीआई थानाक्षेत्र में एक ओर जहां पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने आया, वहीं 108 एंबुलेंस व्यवस्था भी बेमानी ही साबित हुई। दो बाइक सवारों की भिड़ंत में तीन युवक जख्मी होकर सड़क पर गिर गए राहगीरों ने 108 नंबर डायल किया लेकिन मदद नहीं मिली। इस बीच मौके पर पहुंची पीजीआई पुलिस ने तो संवेदनहीनता की हदें ही पार कर दीं और खुले हाफ डाला में तीनों घायलों को जानवरों की तरह लाद दिया ।
बताया जा रहा है की डाला में लादने के बाद दो सिपाही आगे बैठ गए और डाला चल पडा मोहनलालगंज सीएचसी पहुंचने तक रास्ते भर तीनों घायल बेसुध पड़े तड़पते रहे। काफी देर तक इंतजार करने के बाद घायलाें को इलाज मिल सका।घटना के संदर्भ में बताया जाता है की पीजीआई थाना क्षेत्र के नरपतगंज के पास दो बाइकें आमने-सामने टकरा गईं हादसे में बाइक सवार अमित, रामनरेश व रामगोपाल गंभीर रूप से घायल हो गए। रास्ता चलते लोगों ने हादसे की सूचना पुलिस को दी। साथ ही 108 एंबुलेंस को कई बार कॉल की, एंबुलेंस नहीं पहुंची।
काफी देर बाद पहुंची पीजीआई पुलिस ने वहां से गुजर रहे एक हाफ डाला को रुकवाया। इसके बाद घायलों को डाला में जानवरों की तरह लादा और ले गए ।
झटकों के चलते घायलों की हालत और खराब हो गई पुलिसकर्मी ड्राइवर की सीट के बगल में बैठ गए और घायलों को मोहनलालगंज सीएचसी ले गए। इस दौरान डाला के पिछले हिस्से में कोई पुलिसकर्मी न होने के चलते घायलों के सड़क पर गिरने का खतरा भी था। साथ ही झटकों के चलते घायलों की हालत और खराब हो गई। सीएचसी पहुंचे घायलों को तत्काल इलाज नहीं मिल सका।
काफी देर तक घायल हाफ डाला में ही पड़े दर्द में तड़पते रहे। यह देख लोगों ने जब दबाव बनाया तो घायलों को इलाज कर जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। पीजीआई थाना प्रभारी का कहना हैं कि एंबुलेंस न मिलने की वजह से निजी वाहन से इलाज के लिए भेजना पड़ा पुलिस ने जो वहां मिला उससे घायलों को अस्पताल पहुंचाया ।