केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट फेडरेशन यूपी -सीडीएफ ने दवाओं को थोक विक्रताओं तक पहुंचाने के लिए ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था उपलब्ध कराने की मांग की है। साथ दवा विक्रेताओं और उनके कर्मचारियों के लिए लॉकडाउन के दौरान आवागमन के लिए पास जारी करने की मांग भी की है। इसके लिए ड्रग कंट्रोलर को ई-मेल भी भेजा गया है।
सीडीएफ यूपी के महासचि सुरेश गुप्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के साथ मंगलवार २४ मार्च को दवा विक्रेताओं की विडियो कांफ्रेंसिंग से वार्ता हुई थी। वह मुख्यमंत्री को बताना चाहते कि ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था न होने के कारण कंपनियों से सीएंड एफ, डिस्ट्रीब्यूटर्स, डिपो से दवाएं थोक दवा व्यापारियों तक नहीं पहुंच रही हैं। इसके चलते दवाओं की कमी होने की संभावना प्रदेश में हो गई है।
उन्हें यह भी बताया कि दवा विक्रेता के कर्मचारी लॉकडाउन के कारण दुकानों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। जिससे दुकान चलाने में भी दिक्कत हो रही है। सडक़ पर पुलिसकर्मी दवा विक्रेताओं और कर्मचारियों से सख्ती कर रही है और कुछ सुनने को तैयार नहीं है। ऐसे में दवाओं की आपूर्ति जनता के लिए करना संभव नहीं हो पा रहा है। लेकिन दवा विक्रेताओं को सिर्फ निर्देश ही जारी किए गए। उनकी नहीं सुनी गई। ऐसे में सोशल मीडिया के माध्यम और ड्रग कंट्रोलर को ई-मेल के माध्यम से इन दिक्कतों की जानकारी दी गई है।
सुरेश गुप्ता ने बताया कि ड्रग कंट्रोलर एके जैने को ई-मेल से बताया गया है कि दवा विक्रेताओं को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जिससे दवाई की आपूर्ति बाधित हो रही है। उन्हें बताया गया कि प्रदेश में गाजियाबाद और लखनऊ मेजर, वाराणसी, गोरखपुर, मेरठ, प्रयागराज मिनी सीएंड एफ और डिस्ट्रीब्यूटर हैं। यहां से पूरे प्रदेश को दवाएं आपूर्ति की जाती हैं। लेकिन ट्रांसपोर्टेशन न होने से थोक में दवाओं की आपूर्ति में बाधा आ रही है। यहां तक कि थोक दवा बाजार में सैनिटाइजेशन तक नहीं किया गया है। जिससे वहां संक्रमण फैलने की स्थिति बन सकती है।
इसके अलावा दवा विक्रेतओं और कर्मचारियों के लिए जिला प्रशासन से पास उपलब्ध कराने में सहयोग की मांग भी की गई है। बिना इसके दवाओं की आपर्ति सही तरीके से होना संभव नहीं है। सीडीएफ यूपी ने जिला प्रशासन, एफएसडीए और दवा विक्रेता संघ के साथ मिलकर समस्याओं के समाधान के लिए एक समन्वय समिति बनाने की मांग की है।