लोक सभा चुनाव में प्रदेश में क्लीन स्वीप करने वाली भाजपा पंचायत चुनावों में खास प्रदर्शन नहीं कर पाई। 12 जिला पंचायतों में भाजपा किसी भी जिले में दो तिहाई से अधिक बहुमत नहीं ले पाई।
उसके लिए संतोष की बात यह रही कि वह पांच जिलों में नंबर एक पर रही। कांग्रेस का प्रदर्शन इस हिसाब से बेहद निराशाजनक रहा, हालांकि वह पौड़ी के नतीजों से अपनी मायूसी को कम कर सकती है। इसके उलट निर्दलियों ने सात जिलों में नंबर एक का स्थान हासिल किया।
भाजपा ने इस बार लोकसभा चुनाव में प्रदेश में पांचों सीटों पर जीत हासिल की थी। करीब चार माह के बाद ही हुए पंचायत चुनाव में भाजपा का यह रंग फीका पड़ गया। जिला पंचायत सदस्य पद पर हुए चुनाव में भाजपा किसी भी जिले में अपनी जिला पंचायत सरकार बनाने के लिए जरूरी दो तिहाई बहुमत नहीं जुटा पाई। इतना होने पर भी भाजपा के लिए पांच जिलों में नंबर एक पर रहना कुछ राहत भरा जरूर है।
दूसरी और प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस का प्रदर्शन पंचायत चुनाव में भी बेहद निराशाजनक रहा। कांग्रेस कहीं भी नंबर एक की स्थिति में नहीं दिखाई दी। इतना होने पर भी उसके लिए पौड़ी जिले में प्रदर्शन उसकी मायूसी को कम करने वाला साबित हुआ।
पौड़ी में कांग्रेस अपनी प्रतिस्पर्धी भाजपा से आगे तो रही, लेकिन निर्दलियों ने उसके विजय रथ को रोक दिया। इसके उलट, निर्दलियों ने अपना दबदबा साबित किया। 12 में से सात जिलों में निर्दलियों का दबदबा रहा। वहीं, सोमवार सुबह आठ बजे शुरू हुई मतगणना मंगलवार को भी दिन भर जारी रही। कुछ जगह 36 घंटे बाद भी मतगणना जारी थी।