प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कैबिनेट मंत्रियों के साथ दोबारा प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है। कैबिनेट में अच्छी-खाली फेरबदल हुई है, अब तक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को संभालते आए अमित शाह को गृह मंत्रालय दिया गया है तो विदेश मंत्री बने एस जयशंकर, अर्जुन मुंडा, अनुराग ठाकुर, कैलाश चौधरी और प्रताप चंद्र सारंगी जैसे नेता भी हैं जिन्हें पहली बार मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने का मौका मिला है। मंत्रियों को उनका कार्यभार और पद बताया जा चुका है। मंत्रियों ने अपना-अपना कार्यभार संभालना शुरू कर दिया है।
पूर्व विदेश सचिव एस जयशंकर ने विदेश मंत्री के तौर पर कार्यभार ग्रहण किया। जयशंकर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली नई सरकार में सुषमा स्वराज की जगह विदेश मंत्रालय का महत्वपूर्ण प्रभार दिया गया है। डोकलाम विवाद से लेकर संयुक्त राष्ट्र में भारत की पैरवी तक एस जयशंकर की जबरदस्त भूमिका मानी जाती है।
उनके नेतृत्व में मंत्रालय के अफ्रीकी महाद्वीप के साथ सहयोग प्रगाढ़ बनाने पर जोर देने की उम्मीद है जहां चीन का प्रभाव तेजी से बढ़ा रहा है। 64 वर्षीय जयशंकर न तो राज्यसभा और न ही लोकसभा के सदस्य हैं। पीएम मोदी मंत्रिपरिषद में जयशंकर को शामिल किया जाना चौंकाने वाला रहा है।
उनके नेतृत्व में मंत्रालय के अफ्रीकी महाद्वीप के साथ सहयोग प्रगाढ़ बनाने पर जोर देने की उम्मीद है जहां चीन का प्रभाव तेजी से बढ़ा रहा है। 64 वर्षीय जयशंकर न तो राज्यसभा और न ही लोकसभा के सदस्य हैं। पीएम मोदी मंत्रिपरिषद में जयशंकर को शामिल किया जाना चौंकाने वाला रहा है।
भाजपा में बड़ा मुस्लिम चेहरा बन चुके मुख्तार अब्बास नकवी ने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री का कार्यभार ग्रहण किया। हालांकि, नकवी इस लोकसभा चुनाव में नहीं लड़े थे। नकवी इससे पहले एक बार राज्यमंत्री और एक बार कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। पिछली सरकार में उन्हें राज्यमंत्री बनाया गया था लेकिन, कुछ समय बाद प्रमोशन कर कैबिनेट मंत्री बना दिया गया था।
साल 1998 में प्रयागराज से आकर रामपुर को अपनी कर्मभूमि बनाने वाले मुख्तार अब्बास नकवी की किस्मत का सितारा राजनीति में जो एक बार बुलंद हुआ तो उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। साल 2009 के बाद मुख्तार अब्बास नकवी ने कोई भी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा है लेकिन, राज्यसभा से लगातार सदस्य बने हुए हैं।
साल 1998 में प्रयागराज से आकर रामपुर को अपनी कर्मभूमि बनाने वाले मुख्तार अब्बास नकवी की किस्मत का सितारा राजनीति में जो एक बार बुलंद हुआ तो उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। साल 2009 के बाद मुख्तार अब्बास नकवी ने कोई भी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा है लेकिन, राज्यसभा से लगातार सदस्य बने हुए हैं।