पांच फीसद आरक्षण की मांग को लेकर राजस्थान में चल रहे गुर्जर आंदोलन शनिवार को दूसरे दिन और तेज हो गया है। यह राज्य के अन्य शहरों में फैल रहा है। कर्नल किरोड़ी बैंसला की अगुवाई में गुर्जरों ने सवाईमाधोपुर के मलारना और नीमोदा रेलवे स्टेशन के बीच ट्रैक जाम कर दिया है। इससे दिल्ली और मुंबई के बीच ट्रेनों की आवाजाही बंद हो गई है। रेलवे ट्रैक रोकने की वजह से राजस्थान के अलावा दूसरे राज्यों में भी यात्रियों को परेशानियां हो रही हैं। गुर्जर आंदोलन की वजह से शनिवार को 14 से ज्यादा ट्रेनें निरस्त रहीं। करीब 20 ट्रेनों को परिवर्तित मार्ग से चलाया गया। इन रूटों पर चलने वाली कई ट्रेनों को मंगलवार तक के लिए निरस्त कर दिया है। निरस्त होने वाली अधिकतर ट्रेनें कोटा रेलवे मंडल की ओर आने-जाने वाली हैं। रेलवे प्रवक्ता के अनुसार इस मंडल की तरफ से संचालित होने वाली ज्यादातर ट्रेनें निरस्त कर दी गई हैं। रेलवे ने इस रूट पर चलने वाली कुछ और ट्रेनों को रविवार, सोमवार व मंगलवार तक के लिए निरस्त कर दिया है। आंदोलन को देखते हुए हिण्डौन-करौली मार्ग पर रोडवेज बसों का संचालन बंद कर दिया गया है। यहां गुडला गांव में गुर्जरों द्वारा जाम लगाने से रोडवेज बसें रोकी गई। करौली-हिण्डौन मार्ग पर वाहनों का आवागमन पूरी तरह बंद कर दिया गया है। इससे करौली होकर जाने वाली भरतपुर, अलवर, जयपुर, मथुरा और उदयपुर की बसों का रोडवेज ने संचालन बंद कर दिया है। सरकार की ओर से बनाई कमेटी के सदस्य पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह व आईएएस अधिकारी नीरज के पवन भरतपुर पहुंचकर घना में शांति कुटीर में बैठक की। आईजी भूपेन्द्र साहू डीसी चन्द्र शेखर मुथा कलक्टर डॉ. आरुषि अजेय मलिक एसपी हैदर अली जैदी साथ मौजूद रहे। धरना स्थल पर गुर्जर नेताओं से बातचीत के लिए पहुंचे। सरकार ने पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह, स्वास्य मंत्री रघु शर्मा और सामाजिक न्याय विभाग मंत्री भंवरलाल मेघवाल की कमेटी बनाई है। गुर्जर आंदोलन से ज्यादा प्रभावित भरतपुर और अजमेर संभाग ही हैं, इसलिए दोनों संभागों के प्रतिनिधित्व के रूप में विश्वेंद्र और रघु को गुर्जरों को मनाने का जिम्मा दिया गया है। भरतपुर में मौजूद विश्वेंद्र सिंह ने शनिवार सुबह सरकार के आला अफसरों की बैठक ली। इसमें तय होगा कि आंदोलन से किस तरह से निपटा जाए। गुर्जर चाहेंगे तो मैं ट्रैक पर जाने को तैयार हूं। मेघवाल व रघु शर्मा अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों में व्यस्तता के कारण देर रात तक भरतपुर नहीं पहुंचे थे। बैंसला के साथ प्रदर्शन कर रहे लोग कोटाली ट्रेक पर बैठे हैं।
