लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में सबसे पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद एक शोक प्रस्ताव पढ़ा गया व 2 मिनट का मौन रखा गया। बैठक में 9 प्रस्तावों को हरी झंडी दी गई। सबसे महत्वपूर्ण फैसला अग्रिम जमानत के लिए हुआ। अब हाईकोर्ट से नहीं लोअर कोर्ट से अग्रिम जमानत मिल जाएगी। आपात काल के दौरान यह व्यवस्था यूपी और उत्तराखंड में बंद कर दी गई थी।
सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि दंड प्रक्रिया संहिता संशोधन 1976 में अग्रिम जमानत की व्यवस्था खत्म कर दी गई थी। अभियुक्त को अग्रिम जमानत के लिए अब मौजूद रहना आवश्यक नहीं है। आवेदक किसी पुलिस अधिकारी के समक्ष पूछताछ के लिए जरूरत पडऩे पर मौजूद रहेगा। आवेदक धमकी नहीं देगा।आवेदक बिना अनुमति के भारत नहीं छोड़ेगा। गंभीर अपराधों में और औषधि अधिनियम, शासकीय अधिनियम, समाज विरोधी अपराध पर कोई जमानत नहीं मिलेगी। गैंगस्टर एक्ट और उन मामलों में जिनमें मृत्यु दंड दिया जाना है, उसमें भी अग्रिम जमानत नहीं मिलेगी। सरकार को सुनने के बाद 30 दिन के भीतर अग्रिम जमानत के मामले पर कोर्ट को फैसला करना होगा।
सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा उद्योग एवं रोजगार प्रोत्साहन योजना के तहत विभिन्न औद्योगिक इकाइयों को वित्तीय मदद दी जाएगी। 10 इकाइयों में 3491 रोजगार का सृजन होगा। एस.सी.ए. अम्बा शक्ति. गलेन स्पार्क, कनोडिया बिजनैस फर्रुखाबाद, कनोडिया कासगंज, कनोडिया सीमेंट, शांची एजेंसी इलाहाबाद और सांजी एजेंसी रायबरेली और पसवारा मेरठ में ये कम्पनियां लगेंगी। इन्हें जी.एस.टी. और स्टाम्प ड्यूटी छूट दी जाएगी। नई यूनिट को इलैक्ट्रीसिटी में भी छूट दी जाएगी। तिल निर्यात नीति आगामी 5 साल के लिए लागू की जाएगी। तिल नीति में सीधे निर्यात शुल्क और मंडी शुल्क में छूट दी जाएगी। निवेशक को 75 प्रतिशत व 25 प्रतिशत शुल्क का प्रावधान रखा गया है। अढ़तियों से खरीदने पर केवल मंडी शुल्क में ही छूट दी जाएगी।