कर्नाटक में मंगलवार सुबह से सियासी तस्वीर साफ नजर आ रही थी, लेकिन दोपहर को दो घंटे के अंदर समीकरण बदल गए। भाजपा जैसे ही 104 सीटों पर आकर रुकी, कांग्रेस ने जनता दल सेक्युलर को समर्थन देने का दांव चल दिया। थोड़ी देर बाद जेडीएस ने भी समर्थन और एचडी कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनाने की पेशकश मंजूर कर ली। जेडीएस को साधने की कोशिश में पिछड़ी भाजपा ने राज्यपाल से मुलाकात के मामले में देरी नहीं की। कुमारस्वामी राज्यपाल से मिलते, इससे पहले ही येदियुरप्पा ने उनसे मुलाकात कर ली।
कर्नाटक चुनाव के नतीजे/रुझान
कुल सीटें: 224 (2 सीटों पर मतदान बाकी)
बहुमत के लिए जरूरी: 113
पार्टी | सीटें |
भाजपा | 104 |
कांग्रेस | 78 |
जेडीएस+ | 38 |
अन्य | 02 |
2 घंटों में इस तरह बदल गई कर्नाटक की तस्वीर
1) दोपहर 2:20 बजे
भाजपा 104 सीटों पर आकर रुक गई, जबकि इससे पहले तक के रुझानों में अधिकतम 122 का आंकड़ा एक बार छू चुकी थी। बदलते समीकरणों के बीच येदियुरप्पा ने बयान दिया कि भाजपा अकेले दम पर सरकार बना लेगी, उसे किसी के समर्थन की जरूरत नहीं है।
2-दोपहर 2:50 बजे- इसके बाद जेडीएस का रुख बदला और कांग्रेस ने कोशिशें तेज की। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने जेडीएस को समर्थन देने और कुमारस्वामी को सीएम बनाने के प्रस्ताव का ऐलान किया। उन्होंने दावा किया कि देवेगौड़ा और कुमारस्वामी ने फोन पर प्रस्ताव मंजूर किया है।
3) दोपहर 3:10 बजे- जेडीएस प्रवक्ता तनवीर अहमद ने कहा कि सांप्रदायिकता पार्टी को सत्ता से दूर रखने के लिए हर कदम उठाएंगे। इसी बीच भाजपा के सीएम कैंडिडेट येदियुरप्पा ने कहा कि हमारे लिए सारे विकल्प खुले हुए हैं। उधर, कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल वजूभाई वाला से मिलने का समय मांगा, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया।
4) शाम 4:20 बजे- एचडी कुमारस्वामी ने राज्यपाल को चिट्ठी लिखी कि हमें सरकार बनाने के लिए कांग्रेस के समर्थन का प्रस्ताव स्वीकार है। उन्होंने राज्यपाल से मिलने का वक्त मांगा। बाद में वहां कुमारस्वामी पहुंचते, उससे 15 मिनट पहले येदियुरप्पा ने पहुंचकर राज्यपाल से मुलाकात कर ली। दोनों ने सरकार बनाने का दावा पेश किया।
2004 में जेडीएस ने भाजपा और कांग्रेस दोनों को सरकार बनाने से रोक दिया था
2004 में जेडीएस के पास कुल 58 सीटें थीं। भाजपा को इन चुनावों में 79 और कांग्रेस को 65 सीटें मिली थीं। ऐसे में दोनों ही सरकार नहीं बना पाईं। जेडीएस ने पहले कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई। कांग्रेस के धरम सिंह मुख्यमंत्री बने। इसके बाद जेडीएस अलग हो गई और भाजपा से हाथ मिलाकर सत्ता में बनी रही। कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बने। बाद में वे भाजपा से भी अलग हो गए।