लखनऊ ब्यूरो ! गोंडी पुनेम सेवा समित व अखिल भारतीय गोंड महासभा के संयुक्त तत्वाधान में मगरूदाऊ की स्मृति में दो दिवसीय गोंडवाना मेले का आयोजन भदोही के ग्राम वेजबा में किया गया मेले का सुभारम्भ गोंडी धर्माचार्य शिव शंकर गोंड जी द्वारा गोंडी रीति रिवाज़ के तहत अपने इष्टदेव फड़ापेन का हल्दी टीका कर किया गया !
सुदूर अंचलों से आये गोंड समाज के लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यअतिथि प्रकृतिवादी मानव मंच के राष्ट्र्रीय अध्यक्ष हंसराज धुर्वे गोंडी भाषा व संस्कृति पर व्यापक चर्चा करते हुए गोंड्वानी सभ्यता को सर्वोच्च बताते हुए कहा की सरे धर्मो की उत्पत्ति गोंडी धर्म से हुई है इसी धर्म से मानवता का आरम्भ हुआ है गोंवाना के गोंड समुदाय के गण चारवंश ७५० गोत्रों में बटें है तथा समाज व समुदाय कुरीतियों में भटक गया है तथा लगातार गुलामी की ओर बढ़ रहा है जब की गोंडी धर्म के मंत्रा नुसार प्रकृति शक्ति मिटटी आग पानी हवा और आकाश ही फड़ापेन [भगवान् ] है उन्होंने कहा की गोंडी धर्म सत्य पर आधारित वज्ञानिकपूर्ण है वावजूद इसके अंध विस्वाश और कुरीतियों में समाज भटका हुआ है उन्होंने कहा कि एस सी, एस टी, ओ बी सी व अल्पसंख्यक इस देश के मूल निवासी हैं इनकी संस्कृति भी महान रही है !
कार्यक्रम को विशिष्ठ अतिथि अशर्फी सिंह परस्ते डॉक्टर गणेश ने भी संबोधित किया कार्यक्रम में मुख्य रूप से रंग लाल गोंड ,प्रमोद कुमार ,दीपक कुमार गोंड,डॉ ज्ञानेंद्र गोंड,मास्टर पन्ना लाल गोंड,राम जी ,कृपाशंकर गोंड,सुमन गोंड,डॉ सूर्यबली विन्द,डॉ विनोद सम्राट,रमेश कुमार गोंड,ज्ञान चन्द्र चौधरी सहित अनेकों समाजसेवी गणमान्य मौजूद रहे !