नई दिल्ली/बेंगलुरू !कन्नड़ की वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के बाद कर्नाटक सरकार की खुफिया जांच एजेंसी के सुझाव के बाद राज्य सरकार ने प्रगतिशील लेखकों को सुरक्षा मुहैया कराई है।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार कर्नाटक पुलिस की खुफिया जांच एजेंसी के सुझाव पर सिद्धारमैया सरकार ने कन्नड़ के 25 प्रगतिशील लेखकों और चिंतकों को सुरक्षा मुहैया कराई है। ये सभी लेखक देश में फैलाए जा रहे छद्म माहौल के खिलाफ लिखने और लोगों की जागरूक करने के लिए जाने जाते हैं।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने पुलिस की रिपोर्ट के बाद लेखकों और विचारकों को सुरक्षा प्रदान करने का कदम उठाया था। ताकि देश में धर्म और अनुष्ठान के मामलों पर विचार-विमर्श करने वाले बुद्धिजीवियों और प्रगितशील लेखकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
राज्य सरकार की तरफ से जिन लेखकों और साहित्यकारों को सुरक्षा प्रदान की गई है उनमें गिरीश कर्नाड, बारागुर रामचंद्रप्पा, केएस भगवान, योगेश मास्टर, बनजगेरे जयप्रकाश, पाटील पुतप्पा, चेनवीरा कानवी, नटराज हुलियार और चंद्रशेखर पाटिल शामिल हैं।
लिंगायत समुदाय को हिंदू धर्म से अलग करने के लिए चल रहे आंदोलन समर्थकों जिनमें पूर्व आईएएस अधिकारी एसएम जामदा भी शामिल हैं जिन्हें गौरी लंकेश की हत्या के बाद राज्य सरकार की तरफ से सुरक्षा दी गई है।
पुलिस के मुताबिक, कर्नाटक में 25 लेखक, साहित्यकार और विचारकों को सुरक्षा प्रदान की गई है। सूत्रों का कहना है कि अपने काम और विचारों को लेकर विवादों में रहने वाले इन लोगों को राज्य सरकार की तरफ से सुरक्षा मुहैया कराई गई है।
गौरी लंकेश की हत्या के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने घोषणा की कि अधिक प्रगतिशील विचारक को आगे निशाना बनाया जाएगा। गौरी लंकेश की हत्या के बाद सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने धमकी दी थी कि अधिक प्रगतिशील विचारकों को आगे निशाना बनाया जाएगा। जिसे देखते हुए राज्य सरकार ने लेखकों और साहित्यकारों को सुरक्षा देने का फैसला लिया है।
आपको बता दें, 5 सितंबर को जानी मानी कन्नड़ की वरिष्ठ पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता गौरीं लंकेश की अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। कर्नाटक सरकार अभी तक हत्यारों का पता नहीं लगा पाई है। वहीं राज्य सरकार ने गौरी लंकेश के हत्यारों का सुराग देने वाले को 10 लाख रुपये ईनाम देने की घोषणा की है।