लखीमपुर-खीरी। इसे स्वास्थ्य महकमे की लापरवाही कहे या तथाकथित राजनैतिक रसूख कि अधिकारियों के नाक के नीचे एक निजी पैथालॉजी सेंटर पर भ्रूण लिंग परीक्षण का घिनौना खेल खेला जा रहा है लेकिन न तो अलम्बरदार, न ही समाज के ठेकेदार और न ही आला हुक्मरान इसे रोक पाने की हिम्मत जुटा पा रहे हैं।ऐसे में बेटी बचाओ, बेटी है तो कल आदि आदि के स्लोगन सिर्फ दीवारों पर सिमट कर रह गए है।यह बात अलग है कि केन्द्र से लेकर प्रदेश तक की सरकारें आए दिन करोड़ों का बजट खर्च कर रही है उसके तहत बेटी बचाओ अभियान चलाया जा रहा है, रैलियां निकाली जा रही है। तमाम नियम-कायदों को अमल में लाकर लिंग परीक्षण को संज्ञेय अपराध की श्रेणी में रखा गया है लेकिन इन सबके बावजूद खीरी में कोख में बेटियों के कत्ल की खुलेआम साजिश रची जा रही है।चौकाने वाली बात यह है कि यह घिनौना खेल तथाकथित राजनैतिक रसूख के आड़ में चांदी के चंद सिक्कों की खनखनाहट के लिए खेला जा रहा है। ऐसा भी नहीं इस घिनौने खेल को कोई अनपढ़ अंजाम दे रहा हो। बकायदा इस खेल के खिलाड़ी बड़ी-बड़ी डिग्रियों से लैस है जो समाज को नया मार्ग प्रशस्ति करने का प्रवचन भी सुनाते हैं।आपको बता दें कि शहर में जिला अस्पताल के समीप संचालित हो रही एक निजी पैथालॉजी सेंटर पर भ्रूण लिंग परीक्षण किया जा रहा है लेकिन स्वास्थ्य महकमे के नाक के नीचे हो रहे इस अपराध पर न तो अधिकारियों की नजरसानी हो रही है और न ही समाज के ठेकेदारों की। हैरानी की बात यह है कि स्वास्थ्य महकमा भ्रूण लिंग परीक्षण पर जिस तेजी के साथ अंकुश लगाने का दावा करता है उसी रफ्तार से पैथालॉजी सेंटर पर भ्रूण लिंग परीक्षण के घिनौने कार्य को अंजाम दिया जा रहा है। इससे साफ है कि सेंटर संचालक को स्वास्थ्य अधिकारियों के आदेशों व नियम-कानूनों का कोई भय नहीं है। गौरतलब हो कि यहां प्रतिदिन दर्जनों महिलाओं के गर्भ में पल रहे भ्रूण का लिंग परीक्षण कराते देखा जा सकता है। कोख में कन्याओं के कत्ल की साजिश रचने का यह चक्रव्यूह आज से नहीं बल्कि लम्बे अर्से से स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों के शह पर चलाया जा रहा है।सूत्रों की माने तो एक बड़े राजनैतिक दल के चूल्हे में रोटियां सेंक रहे पैथालॉजी संचालक पर स्वास्थ्य महकमा भी इतना मेहरबान है कि सबकुछ जान कर भी अंजान बना हुआ है।बहरहाल इस गैर कानूनी धंधे पर कब लगाम लगेगी यह तो आने वाला समय ही बतायेगा लेकिन भ्रूण लिंग परीक्षण का धंधा बेरोकटोक जारी है तथा गर्भपात के नाम पर भी पेसे में लगे लोग जमकर कमाई करने में जुटे हैं ।