
लेख – गौतम राणे सागर
लोकतंत्र दो धुरियों पर टिका है पहला स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव दूसरा सजग और जीवंत विपक्ष , पप्पू विपक्ष पर चर्चा करना समय की बर्बादी है ! फेकू के अधीन आज जिस स्थिति में लोकतंत्र है ,चुनावी प्रक्रिया है निश्चित तौर पर यह चुनाव आयोग के अस्तित्व पर प्रश्न खड़ा करता है ! चुनाव आयोग का यह कहना कि ईवीएम मशीनों में लू लगने की वजह से गड़बड़ी हुई है उनके दिमागी दिवालियापन को उजागर करता है, यदि यह मान लिया जाए कि ईवीएम को लू लग सकती है तो निश्चित तौर पर ईवीएम में प्राण प्रतिष्ठा की गई है l
यह कौन लोग है जिन्होंने ईवीएम में प्राण प्रतिष्ठा किया है? बार-बार विपक्ष यही प्रश्न उठाता है ईवीएम विश्वसनीय नहीं रह गई इसलिए पुनः बैलेट बॉक्स और बैलेट पेपर के जरिए ही चुनाव कराए जाने चाहिए परन्तु चुनाव आयोग कान मे ठेठी डाले पडा है l वर्तमान में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव में जिस तरह से ईवीएम में गड़बड़ी पाई गई है साफ दर्शाता है ईवीएम में प्राण प्रतिष्ठा की गई है यानी कि ईवीएम को पूरी तरह से हैक किया गया है l इसी तरह चुनाव प्रक्रिया चलती रही तो दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने का दर्जा हासिल करने वाला भारत दुनिया का सबसे कमजोर और निकृष्ट लोकतंत्र माना जाने लगेगा l इतिहास ने आज तक किसी को बख्शा नहीं है चाहे उस होनहार ने देश को ऊंचाइयों पर पहुंचाने का कार्य किया हो या फिर फरेबी ने देश को गर्त में धकेलने का l
आज भारत की स्थिति निश्चित तौर पर दुनिया के सामने एक ऐसे देश की हो गई है जिस देश मे धरातल पर विकास के सारे मार्ग अवरुद्ध हो और मीडिया मे विकास अरब सागर जैसे हिलोरे ले रहा हो lकमाल तो तब है जब उस देश का मुखिया अपने आप को प्रधानमंत्री न मानकर चौकीदार और प्रधान सेवक मानता है l जिस देश में चौकीदार के ऊपर देश की सारी सत्ता निर्भर हो जाए तो उस देश का पतन होने से कोई रोक नहीं सकता आज तक चौकीदार या प्रधान सेवक के आवरण मे सराबोर व्यक्ति ने इस देश को गर्त में धकेलने के सिवाय किया ही क्या है?
आर्थिक व्यवस्था चरमरा गई है युवा बेरोजगार टहल रहे हैं असंगठित क्षेत्र के मजदूर दिहाडी के लिए मारे-मारे फिर रहे हैl पेट्रोल की कीमतें बढा कर इस सरकार ने 4 साल के शासन में 1 साल का बजट सिर्फ पेट्रोल के फायदे से निकाला है करीब ₹ 2500000 करोड़ का बजट पास होता है और जिसमें से – 1900000 करोड़ इस सरकार ने सिर्फ पेट्रोल और डीजल की ऊची कीमतों से कमाया है ! इस फितरती ने गरीबो को भुखमरी के कगार पर पहुंचा दिया, देशवासियो के जेबो पर डाका डाला उन्हे तबीयत से लूटा है ! निश्चित तौर पर यह डकैत देशभक्त नहीं हो सकते ! BAN EVM, SAVE DEMOCRACY