बीजिंग, 1 दिसंबर (आईएएनएस)। 30 नवंबर को लंकांग-मेकांग जल संसाधन सहयोग का सूचना साझाकरण मंच औपचारिक रूप से शुरू हुआ। इस मंच से लंकांग-मेकांग के छह देश गतिशील सूचना व जल स्थिति की सूचना साझा कर सकेंगे। जिससे विभिन्न देशों में जल संसाधनों का वैज्ञानिक रूप से प्रबंध करने के स्तर और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं की रोकथाम करने की क्षमता को उन्नत किया जा सकेगा।
चीन, कंबोडिया, लाओस, म्यांमार, थाईलैंड, वियतनाम आदि छह देशों के बीच लंकांग व मेकांग नदियों के कारण घनिष्ठ संबंध हैं। मार्च 2016 में लंकांग-मेकांग सहयोग के पहले शिखर सम्मेलन में सानया घोषणा पत्र पारित किया गया। इसमें जल संसाधन सहयोग को लंकांग-मेकांग सहयोग के पांच प्राथमिक क्षेत्रों में शामिल किया गया। चार वर्षों में छह देशों की समान कोशिशों से लंकांग-मेकांग जल संसाधन सहयोग की गुणवत्ता व स्तर उन्नत हुआ है, और समृद्ध उपलब्धियां भी हासिल हुई हैं।
चीनी जल संसाधन मंत्री अचिनफिंग ने कहा कि अत्यधिक जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से बाढ़, सूखा आदि दुर्घटनाएं बार-बार आती हैं। लंकांग-मेकांग क्षेत्र के सामने मौजूद चुनौतियां भी धीरे धीरे गंभीर हो रही हैं। इस जल संसाधन सहयोग का सूचना साझाकरण मंच शुरू होने के बाद विभिन्न देशों में जल संसाधनों का वैज्ञानिक रूप से प्रबंध करने के स्तर और बाढ़ जैसे प्राकृतिक आपदा की रोकथाम करने की क्षमता को उन्नत किया जा सकेगा।
उप चीनी विदेश मंत्री लो चाओह्वेई ने कहा कि लंकांग-मेकांग के छह देशों को लगातार जल संसाधनों के सहयोग को गहन करना चाहिए।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
— आईएएनएस
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