भारत सरकार की महत्वकांक्षी चारधाम आलवेदर सड़क योजना व रेल लाइन परियोजना के प्राकलन में यमुनाघाटी के नैनबाग, डामटा, नौगांव, पुरोला, मोरी तथा आराकोट क्षेत्र को शामिल न करने पर स्थानीय लोगों ने नाराजगी व्यक्त की है। स्थानीय लोगों ने सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाकर उक्त क्षेत्र को ऑलवेदर परियोजना व रेलवे लाइन से जोड़ने की मांग की है।
गुरुवार को पुरोला क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत तथा केंद्र सरकार के रेल व सडक परिवहन मंत्रालय को ज्ञापन भेजा। जिसमें उन्होंने यमुना घाटी क्षेत्र को रेलवे लाइन व आलवेदर परियोजना में सम्मिलित न करने पर नाराजगी व्यक्त की। कहा कि यह रवांई क्षेत्र के लोगों के साथ नाइंसाफी है। कहा कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार लोग सर्वप्रथम प्रदेश के चारधामों में यमुनोत्री धाम के दर्शन को पहुंचते हैं। इसके बाद ही गंगोत्री, केदारनाथ व बदरीनाथ के दर्शन करते हैं। लेकिन इस क्षेत्र के ऑलवेदर परियोजना व रेल लाइन से अछूता रखा गया है। कहा कि रेल लाइन को देहरादून से विकासनगर, नैनबाग, डामटा, नौगांव, बड़कोट होते हुए यमनोत्री तक पहुंचाने के साथ ही पुरोला व मोरी को भी जोड़ा जा सकता है। लेकिन सरकार ने इस क्षेत्र को इन परियोजनाओं से बाहर रखा है। कहा कि पुरोला व मोरी ब्लॉक लाल चावल समेत नगदी फसल सेब, टमाटर, मटर व आलू राजमा की खेती के लिए प्रसिद्ध है, वहीं मोरी में केदार कांठा, हरकीदून, चांगसील, बालचा, पुष्टारा आदि विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है,। जिनका दीदार करने के लिए हर वर्ष हजारों पर्यटक यहां पहुंचते हैं। जिसके लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने सरकार से यमुना घाटी के नैनबाग, डामटा, नौगांव, पुरोला, मोरी,आराकोट क्षेत्र को भारत सरकार की चार धाम आल बेदर व रेल परियोजना में शामिल करनें की मांग की है।
ज्ञापन पर मनमोहन सिंह चौहान, किशोर सिंह, अरबिंद पंवार,अंकित रावत,राजपाल पंवार, रमेश सिंह,त्रेपन रावत, उदय प्रताप, प्रताप सिंह, लोकेश बडोनी, लोकेंद्र कंडियाल आदि के हस्ताक्षर हैं।