- ट्रक की कार से टक्कर के बाद चार बच्चों समेत 8 फंसे हुए लोगों को निकाला, अस्पताल में भर्ती कराया
दैनिक भास्कर
Jun 21, 2020, 08:54 AM IST
खंडवा. लॉकडाउन के बाद इंदौर-इच्छापुर हाईवे पर शनिवार शाम पहली बार भीषण दुर्घटना हुई। गेहूं खाली कर जा रहे ट्राले व बारातियों से भरी कार की भिड़ंत में दूल्हे के भाई व भतीजी की मौत हो गई, जबकि नौ लोग घायल हो गए। सभी एक ही परिवार के हैं। खंडवा से बड़वाह की ओर जा रहे कमांडो व राहगीरों ने घायलों को वाहन के दरवाजे सब्बल से तोड़कर बाहर निकाला। जिला अस्पताल में घायलों का इलाज चल रहा है। जहां तीन लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है।
इंदौर के चंदन नगर निवासी मुस्तकीम पिता याहया के निकाह के लिए अलग-अलग वाहनों में परिजन इंदौर से बुरहानपुर की ओर जा रहे थे। रोशिया फाटे के पास बारातियों से भरी कार एमपी 04 एचबी 1223 के सामने अचानक ट्राला आ गया। भिड़ंत इतनी जबरदस्त थी कि कार आगे से चकनाचूर हो गई। यहां से गुजर रहे कमांडो ने ट्रक की टामी व सब्बल से कार के गेट को तोड़कर घायलों को बाहर निकाला। दुर्घटना में दूल्हे के भाई इरशाद पिता याहया अंसारी (45) व उनकी बेटी शिफा अंसारी (5) की मौत हो गई।
सीआईएसएफ के जवानों ने की मदद
घटना के समय कार में दो महिलाएं, दो पुरुष और चार बच्चे सवार थे। वह मदद के लिए गुहार लगा रहे थे। बड़वाह की ओर आ रहे सीआईएसएफ के जवानों ने जैसे ही देखा तो अपने सरकारी बस को खड़ी कर सभी जवान मदद के लिए उतर गए। उन्होंने सभी घायलों को सावधानी से निकाल कर सिविल अस्पताल पहुंचाया। इन जवानों की तत्परता से रेस्क्यू के तरीके को देखकर राहगीर, रहवासी व दुकानदार सभी हैरान रह गए। सभी ने उन्हें सेल्यूट भी किया। आज इन सैनिकों की मदद के कारण परिवार के सभी सदस्यों को समय पर उपचार मिल गया। जिससे वह सुरक्षित हैं।
खंडवा पुलिस ने भी सीआईएसएफ के जवानों की कोरोना महामारी के दौरान भी खुद की जान की परवाह न करते हुए तत्काल रेस्क्यू में जुटने की प्रशंसा की। रेस्क्यू के बाद जवानों ने तत्काल अपने आपको और बस को सैनिटाइज किया और गंतव्य स्थल बड़वाह स्थित सीआईएसएफ सेंटर की ओर चल पड़े। प्रधान आरक्षक मुंशीराम, आरक्षक जीडी जी रमेश, आरक्षक जीडी हेमंत कुमार, आरक्षक जीडी कपूर सिंह, रिजवान, आनंद पासवान, खुश राम, अरुण कुमार, मुराद अली, ए राजू, वीके मकवाना इन सभी ने मिलकर इस मुहिम को अंजाम दिया।
ऐसे किया रेस्क्यू
कार को ट्रक से अलग करने के लिए सड़क से गुजर रहे दूसरे ट्रक को रोका। उसके ऊपर से रस्सी निकाली। रस्सी से उसी ट्रक को कार से बांधा और खींचा। जिस ट्रक ने कार को टक्कर मारा था कार उससे चिपक गई थी। कार के अलग होने के बाद जवान अंदर दाखिर हुए और सावधानी से एक-एक कर सभी घायलों को बाहर निकाल लिया।